महिला भूमिहार समाज द्वारा "आया सावन झूम के" कार्यक्रम आयोजित
वाराणसी । सावन के पावन महीने में पारंपरिक उत्सवों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए महिला भूमिहार समाज की महिलाओं ने एक रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम "आया सावन झूम के" का आयोजन होटल अमाया में किया। जिसमें सभी सम्मानित सदस्यों ने पारंपरिक लोकगीत कजरी और नृत्य की रसधार में सावनी फुहार का जमकर आनंद उठाया। सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. इंदू सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर माधुरी राय, नीलम सिंह, डॉ सुषमा राय, प्रिया उपस्थित रहीं।
विघ्नहर्ता श्री गणेश वंदना का गायन कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।
महिला भूमिहार समाज की संस्थापिका डा राजलक्ष्मी राय ने बताया कि, “इस आयोजन का उद्देश्य न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है, बल्कि समाज की महिलाओं को एक साथ जोड़कर उनके आत्मबल और सामाजिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना है।”
कार्यक्रम में शामिल महिलाओं से शपथ लिया गया कि एक वृक्ष मां के नाम पर लगायेंगे एवमं अपने परिचितों को भी वृक्षारोपण करने के लिए प्रोत्साहित भी करेगे ।
सावन के महीने में प्रकृति मानसून की गोद में आनंदित होती है। तो भला महिलाएं सावन में कैसे पीछे रह सकती हैं। हरे परिधान में हाथों में मेंहदी और हरी हरी चूड़ियों के साथ सज धजकर सभी महिलाएं
कार्यक्रम को चार चांद लगा दी। सावन गीतों और ढोलक की थाप से महिलाओ ने जमकर पारंपरिक गीत गाकर नाचा और सावन के मौसम का उल्लासपूर्वक स्वागत किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक समिति में सरोज सिंह, किरन राय, रितु सिंह, मनीषा राय और रश्मि सिंह का प्रयास और सहयोग सराहनीय रहा।
"आया सावन झूम के" कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूनम सिंह, डॉ.मंजुला चौधरी, किरन सिंह, बंदना सिंह, पूनम सिंह, सोनी राय, प्रतिमा राय, डॉ विजयता, चंद्रकला राय, सरिता राय, बबीता राय, प्राची राय, नीलिमा राय, सुमन सिंह, सीमा राय, छाया, कुसुम सिंह, अमिता,उमा, अनिता, आशा, सविता, खुशबू, सहित तीन सौ महिलाये उपस्थित रही ।
आंगुतको का आभार महिला भूमिहार समाज की संस्थापिका डां राजलक्ष्मी राय ने ज्ञापित किया।