फोटो - वन विभाग द्वारा आयोजित फोटो प्रदर्शनी व जागरूकता कार्यक्रम की हकीकत बयान करती तस्वीर
जिलाधिकारी को भी अंधेरे रखता वन विभाग , फोटोशूट तक ही सिमित रहा कार्यक्रम का उद्देश्य
जौनपुर। जिले के तेजतर्रार व संवेदनशील जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र शासन- प्रशासन की छवि को बेहतर बनाने की कितनी ही क्यों न कर लें, लेकिन कुछ मातहत अधिकारी व कर्मचारी इतने मनबढ़ है कि, शासन - प्रशासन की मंशा पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं।
इसका ताजा उदाहरण तब देखने का मिला जब वन्य प्राणी सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत वन विभाग द्वारा 8-9 अक्टूबर 25 को दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन वन बिहार परिसर में आयोजित किया गया । कार्यक्रम के पहले दिन जिलास्तरीय अधिकारीगणों की उपस्थिति में जिले के प्रशासनिक मुखिया जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र द्वारा प्रदर्शनी व जागरुकता कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया, जिसमें कई स्कूलों के बच्चों ने वन्य जीवों से जुड़ी तमाम जानकारी फोटो प्रदर्शनी एवं जागरुकता कार्यक्रम में प्रतिभाग कर हासिल करने के साथ ही जिलाधिकारी का संबोधन सुनकर लाभान्वित हुए।
लेकिन कार्यक्रम का दूसरा दिन पूरी तरह से फ्लाप शो साबित हुआ, पड़ताल करने पर दोपहर 12:30 तक प्रदर्शनी स्थल पर ना ही कोई जानकारी लेने वाला मिला और ना ही वन का कोई जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहा ।
इस बारे में जब डीएफओ प्रोमिला से पूछा गया तो उनका बयान भी पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना रहा , उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी लगाई गई है जिसे देखना होगा आकर देखेगा । आफिस में बहुत काम है उसे कर रही हूं । स्कूलों को मैसेज दिया गया है ,कोई नहीं आयेगा तो हम क्या करें । सवाल उठता है कि जब डीएम साहब ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया तो दर्जनों स्कूलों के बच्चों को बुला लिया गया और दूसरे दिन सन्नाटा पसरा रहा, तो क्या पूरा कार्यक्रम सिर्फ डीएम साहब जिलास्तरीय अधिकारियों के मध्य आयोजित कर, फोटोशूट कराकर वन विभाग अपनी पीठ थपथपवाले के लिए आयोजित किया था । कुल मिलाकर तमाम विभागों के अधिकारी व कर्मचारी डीएम साहब के साथ ही शासन प्रशासन को अंधेरे में रखकर अपना उल्लू सीधा करने में मशगूल हैं और शासन प्रशासन की मिट्टी पलीद करने में लगे है । ऐसे लोगों पर समय रहते नकेल न कसी गई तो, सरकार की लुटिया डुबोने से बाज नहीं आयेंगे ।

